Monday, August 26, 2013

मृत्यु पूर्वाभास - Foreboding Death

By Narender Jangra   Posted at  11:10 PM   मृत्यु पूर्वाभास No comments


कई लोगोँ को मृत्यु पूर्वाभास होता हैँ। जिसने जन्म लिया है उसकी मृत्यु होना भी एक अटल सत्य है। ईश्वर द्वारा दिए गए इस अनमोल जीवन की सबसे बड़ी खासियत जन्म और मृत्यु के बीच का समय है। मृत्यु और मानव के बीच जो संबंध है उसे किसी ना किसी तरह रेखांकित अवश्य किया गया है।

बहुत से लोगों का यह मत है कि मृत्यु एक सच है लेकिन यह कब और कहां होगी इसका पता लगा पाना संभव नहीं है। लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि भले ही कोई यह ना जान पाए कि मृत्यु कहां होगी लेकिन यह कब होगी इसका अनुमान लगा पाना मुमकिन है।

अगर हम इसे अनुमान ना कहकर सटीक और सत्य कहें तो भी शायद अतिश्योक्ति नहीं होगी। पराविज्ञान के अनुसार मृत्यु से पहले ही कुछ संकेतोँ की सहायता से व्यक्ति पहले ही यह जान सकता है कि उसकी मृत्यु होने वाली है।

परावैज्ञानिकों की मानें तो सामान्यत: यह संकेत मृत्यु से नौ महीने पहले ही मिलने शुरू हो जाते हैं (अगर कोई व्यक्ति अपनी मां के गर्भ में दस महीने तक रहा है तो यह समय दस महीने हो सकता है और वैसे ही सात महीने रहने वाले {अमेच्योर बर्थ} व्यक्ति को सात महीने पहले ही संकेत मिलने लगते हैं).

ध्यान रहे कि मृत्यु के पूर्वाभास से जुड़े लक्षणों को किसी भी लैबटेस्ट या क्लिनिकल परीक्षण से सिद्ध नहीं किया जा सकता बल्कि ये लक्षण केवल उस व्यक्ति को महसूस होते हैं जिसकी मृत्यु होने वाली होती है।

मृत्यु के पूर्वाभास से जुड़े निम्नलिखित संकेत व्यक्ति को अपना अंत समय नजदीक होने का आभास करवाते हैं।

1. समय बीतने के साथ अगर कोई व्यक्ति अपनी नाक की नोक देखने में असमर्थ हो जाता है तो इसका अर्थ यही है कि जल्द ही उसकी मृत्यु होने वाली है. क्योंकि उसकी आंखें धीरे-धीरे ऊपर की ओर मुड़ने लगती हैं और मृत्यु के समय आंखें पूरी तरह ऊपर की ओर मुड़ जाती हैं।

2. मृत्यु से कुछ समय पहले व्यक्ति को आसमान में मौजूद आकाशीय पिँड खंडित लगने लगते हैँ। व्यक्ति को लगता है कि सब कुछ बीच में से दो भागों में बंटा हुआ है, जबकि ऐसा कुछ नहीं होता।

3. व्यक्ति को कान बंद करने के बाद सुनाई देने वाला अनाहत नाद सुनाई देना बंद हो जाता है, अनाहत नाद की संपूर्ण जानकारी के लिए, यहाँ क्लिक करेँ - http://tinyurl.com/oe5xwlg

4. व्यक्ति को हर समय ऐसा लगता है कि उसके सामने कोई अनजाना धुंधला सा चेहरा बैठा है।

5. अगर मृत्यु हस्त नक्षत्र मेँ होने वाली हो तो अंत समय नजदीक आने पर एक पल के लिए व्यक्ति की परछाई उसका साथ छोड़ जाती है।

6. जीवन का सफर पूरा होने पर व्यक्ति को अपने मृत पूर्वजों के साथ रहने का अहसास होता है। किसी साये का हर समय साथ रहने जैसा आभास व्यक्ति को अपनी मृत्यु के दो-तीन पहले ही होने लगता है।

7. मृत्यु से पहले मानव शरीर में से अजीब सी गंध आने लगती है, जिसे मृत्यु गंध का नाम दिया जाता है। यहाँ क्लिक करेँ - http://tinyurl.com/oxjqayw

8. दर्पण में व्यक्ति को अपना चेहरा ना दिख कर किसी और का चेहरा दिखाई देने लगे तो स्पष्ट तौर पर मृत्यु 24 घंटे के भीतर हो जाती है।

9. अगर आपके दोनोँ स्वर चलने लगेँ तो आपका अंत समय नजदीक है ये मानकर चलना चाहिए, व्यक्ति का हमेशा एक ही स्वर चलता है, अपनी नासिका के नीचे अपनी तर्जनी अंगुली पानी से भिगोकर रखेँ, आपको केवल एक ही नासिका छिद्र से ही वायु प्रवाह अनुभव होगा, इसे ही स्वर चलना कहते हैं। परन्तु मृत्यु के समय दोनोँ स्वर चलने लगते हैँ। नासिका के स्वर अव्यस्थित हो जाने का लक्षण अमूमन मृत्यु के 2-3 दिनों पूर्व प्रकट होता है।

शास्त्रोँ मेँ ५० प्रकार के मृत्यु पूर्वाभास बताए गए हैँ। —
 

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